जब तक वो थे
हम उनको समझे नहीं !
जब वो न रहें
हम आंसू बहाते रह गए !!
मालूम न था
प्यार की क्या कीमत है !
उनके प्यार को हमेशा
हम झुटलाते ही रह गए !!
सोचता हूँ मन में
की मैंने ऐसा क्यों किया !
उनके प्यार की परछाई में
हम खिलखिलाते ही रह गए !!
प्यार तो हम
दोनों ही करते थे !
मगर प्यार का इज़हार
सिर्फ वही करते रह गए !!
उनके जाने के बाद
लगता है सब कुछ टूट सा गया हो !
अपने प्यार की मिसाल
हम बतलाते ही रह गए !!
9 comments:
The poem is purely fictional and it has no relation to my personal life. Anyway, thank You so much for reading this.
Ye to vahi likh sakta hai jiske dil me pyar ka dard ho! Kya baat hai!! Wah!!
@Shivansh: Thank you for reading my small poem :)
Bakchod poem hai bhai..tere dil ke armaan bahar aa gaye lagta hai
@Pradeep: Thank you bhai padhne k liye :)
Very nice written.
This can be summarized as " Realizing you lost a diamond while too busy collecting stones"....
@Kartik: Thank you so much for reading this.
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