हे भारत देश, तुम जागो
पहचानों अपने शक्ति को
याद करो उन वीरों को
समझो अपने इतिहास को
सोचो इन परिस्थिति को
कुछ करने कि जरूरत को
कुछ बदलने कि चाहत को
करोड़ों मन के सपनों को
उन सपनों को बुनने को
हे भारत देश, तुम जागो !
उनपर जीतने की चाहत को
समय के उस शीघ्र गति को
उस गति के साथ चलने को
हे भारत देश, तुम जागो ! !
पहचानों अपने शक्ति को
याद करो उन वीरों को
समझो अपने इतिहास को
सोचो इन परिस्थिति को
कुछ करने कि जरूरत को
कुछ बदलने कि चाहत को
करोड़ों मन के सपनों को
उन सपनों को बुनने को
हे भारत देश, तुम जागो !
एकता के उन इशारों को
जाति-भेद के नकारों को
आँसुओं के उन टप टप को
गम में डुबे उन चेहरों को
सेना बल के तकलीफों को
आम जनता के लाचारी को
थम कर बैठी आशाओं कोउनपर जीतने की चाहत को
समय के उस शीघ्र गति को
उस गति के साथ चलने को
हे भारत देश, तुम जागो ! !
2 comments:
Very well crafted work. The poet has successfully captured the meaning of India, its past glory and current scenario. Masterpiece. Mesmerized. Brilliant work.
Great :D _/\_
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